ख़यालात इस पेज में आपका सादर स्वागत है, परंतु इस आग्रह के साथ कि संकुचित मानसिकता एवं नाजुक भावनाओं वाले व्यक्ति इससे दूर रहे, मन मस्तिष्क के चोटिल होने का अंदेशा है। जमीर चीखता है, नही हसरत है,बुद्ध में बंध जाने कीन ही अल्लाह में रम जाने की, बहुत जोर लगा रहा है श्री राम भी, ऐ जहाँ, रह जाने दे सिर्फ इ़ंसा बन कर। सनातनी कहूँ कि हिन्दू कहूँ इनके धर्माचार्यो ने मानव समाज को इतनी जातियों में बाँट दियाकि कपड़े पर खोचक हो तो रफू हो जाये परन्तु चिथडों को कैसे सिया जाय। जमीर चीखता है, नही हसरत है,बुद्ध में बंध जाने कीन ही अल्लाह में रम जाने की, बहुत जोर लगा रहा है श्री राम भी, ऐ जहाँ, रह जाने दे सिर्फ इ़ंसा बन कर।